भारतीय सेना की कई गुना बढ़ेगी ताकत, पिनाका रॉकेट समेत 10,000 करोड़ के हथियारों की खरीद को मंजूरी

एएनआई, नई दिल्ली। स्वदेशी हथियार प्रणालियों बढ़ावा देने के लिए सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने पिनाका मल्टी-बैरल राकेट लांचर सिस्टम समेत 10,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की गोला-बारूद खरीद को मंजूरी दे दी है।

रक्षा सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने बुधवार को हुई बैठक में एरिया डिनायल म्यूनिशन और पिनाका रॉकेट सहित 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के गोला-बारूद खरीदने की सेना की परियोजना को मंजूरी दे दी। इस परियोजना के तहत सैन्य साजोसामान का निर्माण नागपुर की रॉकेट निर्माता कंपनी सोलर इंडस्ट्रीज और पूर्व आयुध निर्माणी बोर्ड कंपनी म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड (एमआइएल) में किया जाएगा।
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 13 जनवरी को अपने वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि पिनाका हथियार प्रणाली के लिए अनुबंध को सरकार द्वारा जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इसके तहत 5,700 करोड़ रुपये के उच्च विस्फोटक गोला-बारूद और 4,500 करोड़ रुपये के एरिया डिनायल गोला-बारूद की खरीद शामिल हैं।

रक्षा सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने बुधवार को हुई बैठक में एरिया डिनायल म्यूनिशन और पिनाका रॉकेट सहित 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के गोला-बारूद खरीदने की सेना की परियोजना को मंजूरी दे दी। इस परियोजना के तहत सैन्य साजोसामान का निर्माण नागपुर की रॉकेट निर्माता कंपनी सोलर इंडस्ट्रीज और पूर्व आयुध निर्माणी बोर्ड कंपनी म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड (एमआइएल) में किया जाएगा।
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 13 जनवरी को अपने वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि पिनाका हथियार प्रणाली के लिए अनुबंध को सरकार द्वारा जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इसके तहत 5,700 करोड़ रुपये के उच्च विस्फोटक गोला-बारूद और 4,500 करोड़ रुपये के एरिया डिनायल गोला-बारूद की खरीद शामिल हैं।

डीआरडीओ पहले से ही पिनाका राकेट के 120 किलोमीटर का स्ट्राइक संस्करण बनाने के उन्नत चरणों में है। अगले वर्ष में इसका पहला परीक्षण किए जाने की उम्मीद है। मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा बुधवार को मंजूर किए गए रॉकेटों की मारक क्षमता करीब 45 किलोमीटर है और ये पाकिस्तान और चीन दोनों सीमाओं पर बहुत कारगर हो सकते हैं।

यह स्वदेशी हथियार प्रणालियों की सबसे बड़ी सफलता का एक प्रमुख उदाहरण है। सेना इसका पूरा समर्थन कर रही है। सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि जैसे ही पिनाका के लंबी दूरी के संस्करण तैयार हो जाएंगे, सेना अन्य वैकल्पिक हथियारों की योजना छोड़ सकती है।

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