30 मौत के बाद अब अगले अमृत स्नान पर कैसे रहेगा कंट्रोल? मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जारी किए नए दिशा-निर्देश

प्रयागराज। प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के पवित्र स्नान के समय भगदड़ मचने से 30 लोगों की मौत हो गई, जबकि 60 से ज्यादा घायल हो गए। इस हादसे के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तुरंत उच्चस्तरीय बैठक कर कई अहम निर्देश जारी किए हैं, ताकि आगामी अमृत स्नान के दौरान ऐसी घटना न हो।

मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार को 3 फरवरी को होने वाले बसंत पंचमी के अमृत स्नान (Basant Panchami Amrit Snan) के लिए महाकुंभ व्यवस्थाओं की गहन समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने के लिए कहा है।

सीएम योगी ने कहा कि श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रयागराज के सीमा बिंदुओं पर होल्डिंग एरिया बनाए जाएं, ताकि एक साथ ज्यादा लोग स्नान क्षेत्र में न पहुंचें। इसके अलावा, प्रयागराज से वापसी के सभी रास्ते खुले और निर्बाध रहने चाहिए ताकि कोई अव्यवस्था न हो।

अतिरिक्त सुरक्षा बल और अधिकारी तैनात :-

प्रयागराज में व्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आशीष गोयल और पूर्व एडीए वीसी भानु गोस्वामी को भेजा गया है।
5 विशेष सचिव स्तर के अधिकारी 12 फरवरी तक प्रयागराज में रहकर व्यवस्थाओं की निगरानी करेंगे।
एसपी स्तर के अधिकारी भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महाकुंभ में तैनात किए जाएंगे।
प्रयागराज के साथ-साथ अयोध्या, वाराणसी, चित्रकूट और मिर्जापुर में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर भी सख्त निर्देश जारी किए गए हैं।

रेलवे और बसों की व्यवस्था में सुधार :-
मुख्यमंत्री ने रेलवे से अतिरिक्त ट्रेन संचालन की व्यवस्था सुनिश्चित करने और परिवहन निगम को अतिरिक्त बसें लगाने के निर्देश दिए ताकि श्रद्धालुओं को आने-जाने में किसी तरह की परेशानी न हो।

सुरक्षा और सुविधाओं पर सीएम के खास निर्देश :-

भीड़ नियंत्रण के लिए बैरिकेडिंग – सभी मुख्य स्नान घाटों और मेला क्षेत्र में बैरिकेडिंग को मजबूत किया जाए।
पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था – अव्यवस्था से बचने के लिए वाहनों के लिए विशेष पार्किंग जोन बनाए जाएं।
भोजन और पेयजल की सुविधा – श्रद्धालुओं के लिए ठहरने वाले स्थानों पर भोजन और पानी की पर्याप्त व्यवस्था हो।
अनावश्यक रोक-टोक न हो – श्रद्धालुओं को बिना किसी जरूरी कारण के रोका न जाए ताकि वे आसानी से दर्शन और स्नान कर सकें।
सभी मार्गों पर गश्त बढ़ाई जाए – अयोध्या-प्रयागराज, कानपुर-प्रयागराज, लखनऊ-प्रतापगढ़-प्रयागराज और वाराणसी-प्रयागराज मार्गों पर सुरक्षा बलों की तैनाती सुनिश्चित हो।
व्यवस्थाओं की लाइव मॉनिटरिंग – प्रयागराज और आसपास के जिलों के अधिकारियों को हर स्थिति की बारीकी से निगरानी करने को कहा गया है।

कौन-कौन करेगा भगदड़ केस की न्यायिक जांच?

महाकुंभ भगदड़ की न्यायिक जांच के लिए तीन सदस्यीय पैनल गठित किया गया है। इस पैनल की अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति हर्ष कुमार करेंगे, जबकि पूर्व डीजीपी वीके गुप्ता और रिटायर्ड आईएएस अधिकारी डीके सिंह इस जांच में शामिल रहेंगे। यह पैनल एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा।

महाकुंभ 2025 में लाखों श्रद्धालु आ रहे हैं, इसलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करने के सख्त निर्देश दिए हैं। भीड़ प्रबंधन, यातायात नियंत्रण और सुरक्षा पर खास ध्यान दिया जा रहा है ताकि भविष्य में ऐसी किसी भी त्रासदी को रोका जा सके।

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