महाकुंभ 2025 : अब तक 3.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से बरसाए 52 क्विंटल फूल

प्रयागराज। महाकुंभ का पहला शाही स्नान आज मकर संक्रांति पर हो रहा है. अमृत स्नान की इस पुण्य बेला में लाखों श्रद्धालु रात से ही मेला क्षेत्र में आने लगे थे. सुबह से ही संगम स्नान शुरू हो गया. मेला क्षेत्र में हर तरफ उल्लास और उमंग का माहौल है. सुबह 6.15 बजे से ही अखाड़ों का स्नान क्रमवार शुरू हो गया. साधु-संन्यासियों का रेला हर-हर महादेव, हर-हर गंगे का उद्घोष करते हुए संगम तट पर बढ़ चला. वहीं संतों के दर्शन करने के लिए हजारों श्रद्धालु मार्ग के दोनों तरफ खड़े रहे. श्रद्धालुओं का जत्था मेला क्षेत्र के सभी मार्गों से गंगा तटों की ओर बढ़ रहा है. अब तक संगम में 2.5 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं. कुंभ में 12 किमी के दायरे में सभी घाटों पर जनसैलाब उमड़ पड़ा है. वहीं, संगम तट स्थित लेटे हनुमान मंदिर पर श्रद्धालुओं को आज दर्शन नहीं मिलेगा. जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने इसकी जानकारी दी. अब तक पांच अखाड़ों ने शाही स्नान किया है.

मकर संक्रांति पर्व के पहले अमृत स्नान के आयोजन पर प्रमुख सचिव गृह संजय पसाद ने कहा कि करीब पौने 2 करोड़ साधु, सांत और श्रद्धालु अब तक स्नान कर चुके हैं. गृह विभाग में स्थापित कंट्रोल रूम में मौजूद संजय प्रसाद बताते हैं कि 24 घंटे गृह विभाग महाकुंभ की हर गतिविधि पर नज़र रखे हुए हैं. साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ भी गृह विभाग से पल-पल की सूचना ले रहे है. विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक समागम शुरू हो गया है, करोड़ों लोग आस्था की डुबकी लगा चुके हैं. सरकार द्वारा इस महाकुंभ की परिकल्पना एक भव्य दिव्य और डिजिटल कुंभ के तौर पर की गई है. साथ ही इसे सबके लिए सुरक्षित, स्वच्छ और सुव्यवस्थित बनाए के लिए व्यापक तैयारी की गई है. सरकार का आकलन है कि इस बार 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु कुंभ में स्नान करने आयेंगे. सरकार ने 100 करोड़ तक की भीड़ को संभालने की व्यवस्था की है.

महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान मकर संक्रांति के दिन मंगलवार को संगम तट पर डुबकी लगाने पहुंचे करोड़ों श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा हुई. भोर से ही शुरू हुए अमृत स्नान के साथ ही हेलीकॉप्टर पुरे दिन श्रद्धालुओं पर 52 क्विंटल पुष्प की वर्षा करता रहा. हेलीकॉप्टर से सभी घाटों और अखाड़ों पर स्नान के दौरान श्रद्धालुओं पर फूलों की बारिश की गई. गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश देख संगम तट पर मौजूद श्रद्धालुओं ने अभिभूत होकर जय श्री राम और हर हर महादेव के नारे लगाए.
हर स्नान पर्व पर होगी फूलों की बारिशः महाकुंभ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं पर स्नान पर्वों के मौके पर पुष्प वर्षा को लेकर योगी सरकार के निर्देश पर उद्यान विभाग ने पिछले काफी समय से तैयारी कर रखी थी. स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर सोमवार को श्रद्धालुओं पर गुलाब की पंखुड़ियां बरसाईं गई थीं. दूसरे दिन यानी मंगलवार को मकर संक्रांति पर अमृत स्नान के दौरान भी पुष्पवर्षा से श्रद्धालु अभिभूत नजर आए. उद्यान विभाग की ओर से इन दो दिनों के लिए 52 क्विंटल से अधिक मात्रा में गुलाब के फूलों का स्टॉक जमा किया गया था. महाकुंभ 2025 में कुल 6 प्रमुख स्नान पर्व आयोजित किए जाएंगे, जिसमें तीन अमृत स्नान होंगे. सभी स्नान पर्वों और अमृत स्नान के दौरान गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर करोड़ों श्रद्धालु इन आस्था की डुबकी लगाएंगे. यह पवित्र स्नान पापों से मुक्ति और आध्यात्मिक शुद्धि का प्रतीक माना जाता है.
भारतीय परंपरा और संस्कृति को वैश्विक मंच मिलाः अयोध्या के श्री राम वैदेही मंदिर के महंत स्वामी दिलीप दास त्यागी जी महाराज ने मकर संक्रांति का अमृत स्नान करने के बाद कहा कि मुख्यमंत्री ने हमारी सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित करने का कार्य किया है. महाकुंभ ने गुलामी के प्रतीक शब्दों से छुटकारा दिलाकर सनातन संस्कृति को नई पहचान दी है. इस बार अमृत स्नान का दिव्य और भव्य अनुभव ऐतिहासिक साबित हो रहा है. उन्होंने कहा कि “शाही स्नान” और “पेशवाई” जैसे मुगलकालीन शब्दों को हटाकर “अमृत स्नान” और “छावनी प्रवेश” जैसे सनातनी शब्दों को शामिल करना सनातन संस्कृति को सशक्त करने की दिशा में बड़ा कदम है. आज यह आयोजन भारतीय परंपराओं और संस्कृति को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत कर रहा है.
परंपरा और संस्कृति का जुड़ा नया अध्यायः अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि यह पहली बार है जब महाकुंभ में उर्दू शब्दों को बदलकर हिंदी और सनातनी शब्दों का उपयोग किया गया है.उन्होंने कहा, “यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिया गया था, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया.अब ‘शाही स्नान’ और ‘पेशवाई’ जैसे शब्द इतिहास बन गए हैं और उनकी जगह ‘अमृत स्नान’ और ‘छावनी प्रवेश’ ने ले ली है.”

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