महाकुंभ शुरू : महाकुंभ में इस बार 144 साल बाद बन रहा अनूठा संयोग, मकर संक्राति पर होगा ‘अमृत स्नान’

महाकुंभ नगर। तीर्थराज प्रयाग में त्रिवेणी संगम पर सोमवार को पौष पूर्णिमा की पुण्य डुबकी के साथ महाकुंभ (Mahakumbh 2025) का श्रीगणेश हो गया। पौष पूर्णिमा रविवार को अर्धरात्रि के बाद ब्रह्ममुहूर्त में 4.32 बजे से शुरू हो गई थी। हालांकि, श्रद्धालुओं ने आधी रात से ही गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम के साथ विभिन्न घाटों पर स्नान शुरू कर दिया। इसके साथ महाकुंभ स्नान के विधान शुरू हो गए। अब मंगलवार को मकर संक्रांति होने से इस बार दूसरे ही दिन मकर संक्रांति अमृत स्नान पर्व का अनूठा संयोग जुड़ रहा। दोनो ही स्नान पर्वों के एक साथ बढ़ने से श्रद्धालुओं में उत्साह है।

ठंड के बढ़ने और बूंदाबांदी के बावजूद श्रद्धालुओं के आने का तांता लगा हुआ है। संतों-महतों के शिविर जागृत हैं। पूरे मेला क्षेत्र में प्रवचन व वेद की ऋचाओं की गूंज है। जिला व मेला प्रशासन ने हर स्तर पर तैयारियां पूरी कर ली हैं। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।

इस महाकुंभ से देश की एक प्रतिशत जीडीपी के बढ़ने की उम्मीद है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि लगभग चार लाख करोड़ रुपये का कारोबार होगा। महाकुंभ तो हर 12वें साल लगता है, लेकिन इस बार 144 वर्ष का संयोग होने से इस बार पूर्व के वर्षों से अधिक श्रद्धालुओं के उमड़ने का अनुमान लगाया गया है।

रविवार सुबह से ही प्रयागराज की सड़कों पर वाहनों का रेला और पैदल यात्रियों का मेला के रूप में दिखने भी लगा। दोपहर में बारिश होने से लोग इधर-उधर छांव तलाशते ठिठके जरूर, लेकिन बूंदा-बांदी थमते ही सड़कों पर लोगों के एक साथ उतर जाने से चहुंओर जाम की स्थिति रही। इससे निबटने में पुलिस के पसीने छूट गए। ऐसे में दबाव को देखते हुए महाकुंभ क्षेत्र में कुछ पुलों पर आवागमन रोक दिया गया। यातायात प्रबंधन की योजना में तात्कालिक तौर पर कुछ ऐसे संशोधन किए गए तो स्नान पर्व विशेष पर चार हजार हेक्टेयर में विस्तारित महाकुंभ क्षेत्र में तैयारियों का रिहर्सल भी कर लिया गया।

पौष पूर्णिमा के व मकर संक्रांति पर 12 किलोमीटर क्षेत्र में फैले सभी 44 घाटों पर स्नान के लिए आए संतों और श्रद्धालुओं पर सरकार की ओर से हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार को उम्मीद है कि महाकुंभ में देश-विदेश से लगभग 40 करोड़ श्रद्धालु व पर्यटक आएंगे। सरकारी अनुमान के अनुसार, यदि 40 करोड़ श्रद्धालुओं में से प्रत्येक औसतन पांच हजार रुपये खर्च करता है तो महाकुंभ से दो लाख करोड़ रुपये का व्यापार हो सकता है।

इस महा आयोजन में प्रति व्यक्ति औसत खर्च 10 हजार रुपये तक भी बढ़ सकता है और कुल कारोबार चार लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने महाकुंभ में लगभग 45 हजार टन स्टील की आपूर्ति की है। सनातन धर्म के अनुयायियों के सबसे बड़े समागम से पहले प्रयागराज में बड़ा बदलाव किया गया है। लगभग 200 से अधिक सड़कों का निर्माण और चौड़ीकरण तथा सौंदर्यीकरण किया गया है, जिससे भव्य आध्यात्मिक आयोजन में शामिल होने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को बेहतर कनेक्टिविटी मिली है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!