उज्जैन। पिछले कुछ महीनों से महाकाल लोक आने वाले भक्तों की संख्या में कमी आई थी, लेकिन अब फिर भक्तों की संख्या बढ़ रही है। वहीं 25 दिसंबर से शीतकालीन अवकाश शुरू हो जाएँगे और फिर लाखों श्रद्धालु महाकालेश्वर दर्शन के लिए आना शुरू हो जाएँगे।
महाकाल लोक का लोकार्पण होने के बाद से ही महाकाल लोक को देखनेे देशभर से भक्तों का रूख धार्मिक नगरी की ओर हो गया था लेकिन दीपावली तथा उसके बाद भक्तों की संख्या में कमी आ रही थी। अब एक बार फिर महाकाल लोक में भक्तों की संख्या बढ़ती दिखाई दे रही है। प्रतिदिन 30 से 40 हजार भक्तों का पहुँचना शुरू हो गया है। आज से 9 दिन बाद 25 दिसंबर से शीतकालीन अवकाश की शुरूआत होने पर भक्तों की संख्या लाखों में होने का अनुमान लगाया जा रहा है। पिछले एक साल में करोड़ों भक्त देश-विदेश से यहाँ पहुँचे थे। प्रतिदिन डेढ़ से 2 लाख भक्तों की संख्या महाकालेश्वर की नगरी में दिखाई दे रही थी। महाकाल लोक जाने वाले मार्गों पर पैर रखने की जगह तक नहीं मिल पा रही थी। महाकाल क्षेत्र में रोजगार, व्यवसाय क्या अवसर बढ़ गए थे। वहीं अब यह सिलसिला एक फिर से शुरू होता नजर आने लगा है।

महाकाल मंदिर और महाकाल लोक के आसपास यातायात की व्यवस्था बिगड़ती दिखाई देने लगी है जो अब सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। प्रशासन, मंदिर समिति और पुलिस समस्या से निपटने के लिये लगातार कई प्लान तैयार कर चुकी है, लेकिन धतरातल पर सार्थक होती नजर नहीं आ रही है। कुछ दिनों से हरिफाटक ब्रिज, चारधाम मंदिर, हरिसिद्धी पाल, महाकाल घाटी के आसपास जाम के हालत बने हुए है।
उल्लेखनीय है कि महाकाल लोक बनने के बाद पहली बार श्रावण-भादौ मास में सबसे अधिक व्यवसाय होटल वालों का चमका था। बाहर से आने वाले भक्तों को ठहरने की जगह नहीं मिल पा रही थी। लोगों ने अपने घरों का व्यवसाय का साधन बना लिया है। लेकिन इसके बाद से होटल व्यवसाय कमजोर पड़ गया था। इस दौरान सिर्फ महाकाल मंदिर के आसपास की होटलों में बुकिंग हो रही थी। एक बार फिर से भक्तों की संख्या बढऩे पर होटल का व्यवसाय करने वालों के चेहरे पर चमक आने लगी है। महाकाल मंदिर के आसपास 2 से 3 किलोमीटर के क्षेत्र में हर घर होटल बना हुआ है।